Saturday, May 23, 2009

my last message 4u only ....!!!

प्यार क्या है ये तुमसे ही जाना....पर मैं हमेशा से जानता था..." जहाँ प्यार है वहीँ दर्द भी है"
मेरी किस्मत में ग़म अगर इतना था, दिल भी टूटने को या रब कई दिए होते....
मुझे नही पता की कमी कहाँ रह गई हाँ इतना ज़रूर कह सकता हूँ मैंने तुमसे सच्चा प्यार किया है और हमेशा करता रहूँगा...तुम्हारे प्यार ने ही तो मुझे जीने की वजह दी थी और आज जब तुम मेरे पास नही हो तो ये प्यार ही तो है जो तुमको मुझ में जिंदा रखता है....!!!!
एक बात बतानी थी शायद तुम इसे कभी पढो तो तुम्हे पता चल जाएगा की मैं रात भर क्या सोचता था और क्या करता था...ये वो सब है जो मैं तुम्हे बोलना चाहता था पर तुम्हारी परेशानियों ने मेरी ज़बान सिल दी थी....
शायद कभी तुम ये भी सोचो की मैंने तुमसे जिद क्यों नही करी या तुम्हे रोका क्यों नही...!!
तुम्हे याद है ना मैंने तुमसे कहा था की मुझे इस बात का ग़म नही है की तुमने मुझे यूँ छोड़ दिया हाँ ये बात ज़रूर अखरती है की तुम मेरे साथ खुश नही थी और ये बात तुमने मुझे बताई भी नही...
मुझे पता है तुम्हारे लिए भी मुझे छोड़ना आसान नही है..पर मुझे तुम्हारी इस काबिलियत पे पूरा यकीन है...मगर मैं ये सब देख नही पाऊँगा...!!!
एक बात और....तुम सच में बहुत खूबसूरत लग रही थी...मैंने शादी के फोटो देख लिए हैं और तुम्हारे चेहरे की वो खुशी भी.....!!!!
बेहतर होगा की मेरे बारे में अब पता करना बंद कर दो दूसरों से....खासकर उनसे जो कभी भी मेरे करीब नही थे...
माफ़ करना ये सब यहाँ लिखना पड़ रहा है...पढ़कर delete कर देना जैसे और सब किया था....

जिंदगी तुम बिन अधूरी है पर साँस लेना भी ज़रूरी है
जानता हूँ रोज़ जी जी के मरना है ज़हर फिर ये रगो में भरना है
माना के तुम नही आओगे अब कभी फिर भी उम्मीद दिल से पूरी है
करेंगे तेरा इंतज़ार मरते दम तक बस एक तेरे दिल से दूरी है
ले लो आगोश में अपने मुझको भुला दो सारे इन ग़मों को
मिटा दो अब तो ये जो दूरी है......
क्योंकी ये जिंदगी तुम बिन अधूरी है....

Wednesday, May 6, 2009

क्या ऐसा होता है प्यार??

चले जो दो कदम तू साथ मेरे तो तेरे साथ से प्यार हो जाए
थामे जो प्यार से हाथ मेरा तो अपने हाथ से प्यार हो जाये …………।
जिस रात आये तू ख्वाबों मे तोउस सुहानी रात से प्यार हो जाए
जिस बात मे आये जिक्र तेरा तो उसी बात से प्यार हो जाये …………………।
जब पुकारे प्यार से नाम तेरा तो अपने ही नाम से प्यार हो जाये……………॥
होता है इतना खूबसूरत ये प्यार अगर तो काश……
तुझे भी मेरे प्यार से प्यार हो जाये

काश तुम आते एक बार....

काश ! आते तुम एक बार खत्म होता ये इन्तजार……
कहते तुम कुछ अपनी, सुनते कुछ मेरी
रहते हम दोनो, बस अपने मे गुम
काश ! आते तुम एक बार…॥बताते…।
कैसे कटे ये दिन, कैसी गुजरी ये राते
क्यों थी आखो मे नमी, क्यों थी ये सासे थमी
काश ! आते तुम एक बार …………
काश ! तुम आते आज……
मिलती उम्मीद ज़िन्दगी को
जैसे मिलता है पानी प्यासे को
काश ! आते तुम एक बार ………
मालूम है ये दिल को
रहेगा ये सपना अधूरा…
आखो मे एक बूद बन के,
दिल मे दर्द बनके…
फ़िर भी करता है, उम्मीद अधुरी सी…
काश ! आते तुम एक बार
कभी ना जाने के लिए खतम होता
ये इन्तजार…मॊत के आने से पहले॥k
जिन्दगी की उलझनों में उलझता रहा,
बस उसके प्यार के लिए हरदम तरसता रहा
जानता था वो अब शायद ही कभी मुझे हासिल होगी,
फिर भी झूठे दिलासे से दिल बहलाता रहा,
सोचा था कभी तो वक्त मेरे साथ होगा पर
वो भी रेत कि तरह मेरे हाथ से फिसलता रहा शायद,
खुदा को ये भी नामंजूर था आखों में कैद करूँ उसके अक्स को
इसलिए तो हर लम्हा पानी कि तरह मेरी आखों से बहता रहा !

तमन्ना

ये तमन्ना है के मेरी ज़िन्दगी में आओ और मुझे महोब्बत न करो.......॥
सिवा तुम्हारे कुछ सोचूँ मैं नहीं सोचता हूँ बता दूं मगर रूबरू जब तुम हो तो कुछ बोलूं मैं नहीं... काश ऐसा हो के मैं तुम,तुम मैं बन जाओ और मुझे महोब्बत ना करो......॥ अक्सर देखा है महोब्बत को नाकाम होते हुए साथ जीने के वादे किए फिर तनहा रोते हुए....... जो हमेशा साथ निभाए॥वो तो बस दोस्ती है जो कभी ना रूलाए॥वो तो बस दोस्ती है........ यूँ ही देखा है बचपन की दोस्ती को बूढा होते हूए ना किए कभी वादे॥पर हर वादे को पूरा होते हूए...॥ ये तमन्ना है के मेरी ज़िन्दगी में आओ और मुझे महोब्बत न करो... ये इल्तज़ा है के मेरे दोस्त बन जाओ और मुझे महोब्बत न करो......॥ .................. ............... ......... यूँ ही ता उमर मेरा साथ निभाओ और मुझे महोब्बत न करो............


तुम्हे अपना कहेने कि चाह मे कभी हो सके ना किसी के हम

Tuesday, October 28, 2008

ये बड़ी अजीब सी बात है....

ये बड़ी अजीब बात है,जिसने साथ छोड़ दिया, आज वही मेरे साथ है,भुलाने की कोशिश कर रहा था,पर दिल की गहराइयों मे दबे कई जज़बात हैं,कुछ यादें, कुछ बातें,कुछ साथ बिताए दिन, कुछ जाग कर कटी रातें,सब छूट गया सा लगता है,पिर भी जाने मेरे हाथों मे ये किस का हाथ है,उस शाम की याद दिल मे आज भी ताज़ा है,जो बिना कुछ कहे शुरु हुई, और चुप चाप खत्म हो गई,कुछ कहना था शायद उस दिन,फिर आज क्यों होठों पे ठहरी वही बात है,एक दिन कविता सुन के वो हँस दी थी,कहा कि तुम्हारी कविता समझने के लिए भी कोई मेरे साथ चाहिए,तब से अब तक कुछ शब्द और जोड़े हैं उस कविता मे,उन्हे समझने के लिए वो यहीं मेरे साथ है,मै सोचता था कि कुछ ना कहकर भी सब कुछ कह जाऊँगा,और समझ जाएगी वो मेरे दिल की बात,पर देर हो गयी ऐसा कुछ कहने सुनने कि कोशिश मे,आज बदल गए दिन, बदल गए सब हालात हैं,एक बरसात की दोपहर मे,एक झील के किनारे जब हम बैठे थे,कँधे पर सर रख दिया था,कहा कि क्या होगा, अगर कभी हम अलग हो गए,अज तक मेरे साथ वही सवालात हैं,ये बड़ी अजीब बात है,जिसने साथ छोड़ दिया, आज वही मेरे साथ है,