Wednesday, May 6, 2009

क्या ऐसा होता है प्यार??

चले जो दो कदम तू साथ मेरे तो तेरे साथ से प्यार हो जाए
थामे जो प्यार से हाथ मेरा तो अपने हाथ से प्यार हो जाये …………।
जिस रात आये तू ख्वाबों मे तोउस सुहानी रात से प्यार हो जाए
जिस बात मे आये जिक्र तेरा तो उसी बात से प्यार हो जाये …………………।
जब पुकारे प्यार से नाम तेरा तो अपने ही नाम से प्यार हो जाये……………॥
होता है इतना खूबसूरत ये प्यार अगर तो काश……
तुझे भी मेरे प्यार से प्यार हो जाये

5 comments:

अनूप शुक्ल said...

अरे वाह एक और कनपुरिया मिला। लिखते रहें। ई वर्ड वेरीफ़िकेशन को हटा दो भाई। टिपियाने में बहुत मेहनत हो जाती है।

Unknown said...

pyaar badi komalkant aur aatmik anubhav ki cheez hai, aapki kavita pyaaaaaaaaar me bheenee hai
BADHAI

Sanjay Grover said...

हुज़ूर आपका भी ....एहतिराम करता चलूं .......
इधर से गुज़रा था, सोचा, सलाम करता चलूं ऽऽऽऽऽऽऽऽ


कृपया एक व्यंग्य को पूरा करने में मेरी मदद करें। मेरा पता है:-
www.samwaadghar.blogspot.com
शुभकामनाओं सहित
संजय ग्रोवर

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

pyar to pyar hai, aisa na vaisa. narayan narayan

संगीता पुरी said...

बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।